Tuesday, May 4, 2010

श्रद्धा एक दस साल की पाचवी कक्षाकी छात्र जो दोनों हातोसे और एक पैरसे विकलांग हैं । भगवान ने दी हुई कमी पर हामी होकर एक नये उमंग के साथ अपना जीवन जी रही हैं । बचपनसे अंग्रेजी माध्यम मी रूचि रखने वाली यह नन्ही सी जान अब शिरडी साईबाबा इंग्लिश स्कूल में पाचवी से छटवी कक्षामे गयी हैं। बहोत ही गरीब घर में जन्मी इस नन्हीसी जान को कुदरत ने दोनों हतोकी उँगलियाँ और एक पैर न देकर कहर ढहाया हैं । लेकिन कहेते हैं ना जिसने जन्म दिया हैं वो उपरवाला ही जिनकी ताकद भी देता हैं ठीक उसी प्रकार श्रद्धा भी अपनी होशियारी के बलबूते पर कामयाबी हासिल कर जिलेकी भाग दोड संभालना यानि कलेक्टर बनना चाहती हैं ।लेकिन बोहत ही गरीब घर में जन्मी इस नन्ही जान इस स्पर्द्धा वाली दुनियामे बड़ी हिम्मत और आत्मविश्वास के लढ़ रही हैं . गरीबी की वजहसे अंग्रेजी माध्यम की सभी महंगी किताबे न लेकर अपनी सहेलियोंसे कुछ किताबे लेकर इसने पाचवी कक्षा में स्कूल में तीसरा नंबर हासिल कर ड्रोविंग में भी काफी नंबर हासिल कर चुकी हैं । विकलांग होने के बावजूद घर के सभी काम वो बड़ी चतुराई से करती हुई दिखाई देती हैं । सरकारने तो विकलांगो के लिए कई सारी योजनाये शुरू की हैं । लेकिन वो सब कितने ठीक तरीकेसे उनके पास पहुचती हैं इसका आभास श्रद्धा को देखकर होता हैं । हाल ही में श्रद्धा को महाराष्ट्र के विदधी और न्याय मंत्री ने शिरडी के साईं बाबा संस्थान द्वारा पढाई के लिए गोद लिया हैं एसी बात सामने आ रही है । लेकिन वाकई संस्थान कितने जल्द कागजाती कारवाही पूरी करेगा यह तो आने वाला समय ही दिखा देगा। लेकिन मंत्री साहब की घोषणा से श्रद्धा को एक नई आशा मिली हैं यह उसके मासूम चेहरे से साफ दिखाई दे रहा हैं । पुरे देश में आज भी एसी कई श्रद्धा हैं जिन्हें किसी ना किसी के मदत की जरूरत हैं ........ क्या शायद वो आप हो ? ................................................. सुनील दवंगे सहारा समय शिरडी ............................