Tuesday, November 30, 2010

अक्षय कुमार का साईं दर्शन

सीधे साधे अक्षय फराह खान और चंकी पाण्डे के साथ शिरड़ी साईं बाबा के समाधी के दर्शन करने पहुचे। बड़ी श्रधा पूर्वक उन्होंने साईं बाबा का दर्शन किया। अपनी फिल्म तिस मार
खां के लिए साईं बाबा से प्राथना की ।

Monday, August 30, 2010

२५०० मजदुरोकी साईं दरबार में गाँधी गिरी

शिर्डी में साईबाबा सन्थान के कुल २५०० कर्मचारीयोने अपनी मासिक पगार की बढ़ोतरी के लिए गाँधी गिरी का मार्ग अपनाया हैं , साईं बाबा की पालखी लेकर यह कर्मचारी साईं नाम जप आन्दोलन कर रहे हैं । पालखी गेट पर बारिश में भीगते हुए इनका यह अनोखा आन्दोलन शुरू हैं जिसकी साईं भक्त नही सरहना कर रहे हैं । करीब सात सालसे यह मजदूर ठेकेदारी पर काम करते है । इन मजदुरोको तिन से साडेतीन हजार रुपया महिना पगार मिलता हैं , बढ़ती हुई महगाई के जमानेमे इतनी कम पगारमे घर चलाना मुश्किल हुवा है इसलिए इन मुजदूरोको बरिशमे भीगते हुए अपने और अपने घरवालों के पेट की खातिर यह आन्दोलन करना पड़ रहा हैं । एक तरफ साईं बाबा सन्थान करोड़ो रूपया बहरी काम के लिए दान दे रहा हैं और दूसरी तरफ उसी सन्थान के मजदूरों को अपनी पगार बढ़ाने के लिए के लिए ऐसा आन्दोलन करना पड़ रहा हैं। इसे आप क्या कहेंगे ।

Tuesday, August 17, 2010

स्वाइन फ्लू से हालत गंभीर

महाराष्ट्र को फिर एक बार स्वाइन फ्लू ने अपने चपेटे में लिया हैं राज्य के सभी शहरोके साथ साथ अब ग्रामीण इलका भी स्वा इन फ्लू की चपेट में आ रहा हैं । अहमदनगर जिलेमे भी स्वा इन फ्लू अपने बाजु फैला रहा हैं । आज शिरड़ी में साईबाबा अस्पताल से एक स्वाइन फ्लू संदेह व्यक्ति की मौत हुई हैं । और एक महिला इसी अस्पतालमे ट्रीटमेंट ले रही हैं । जिला अस्पताल को इन दोनोके बारे में सूचना दी गई थी लेकिन सरकारी डॉक्टरो को इनकी टेस्ट करनेके लिए फुर्सत ही नहीं मिली । क्या करे बिचारे उन्हें सरकारी अस्पताल के बराबर अपना निजी अस्पताल भी देखना पड़ता हैं । अब डोक्टोरोकी लापरवाही की वजह से इस नौजवान की मौत स्वाइन फ्लू से हुई हैं या अन्य दूसरी बिमारीसे यह पता लाना मुश्किल हुआ हैं। सरकार आनेवाली एसी बिमारीसे लड़ने के लिए जीतोड़ दावे कर सकता हैं लेकिन सरकार इस सिस्टम में छुपे कामचोरो को सीधा नहीं कार सकता । और इसी लिए किसी न किसी वजह से हम खुद,या हमारे परिजन इस सरकारी सिस्टम का शिकार होते हैं ।

Saturday, August 14, 2010

स्वतंत्र दिन चिरायु हो


यह मेरे देशका तिरंगा जिसे दुनिया सलाम करती हैं । आज स्वतंत्र दिवस पर क्या हम दिलसे इसे याद करते हैं । जरा सोचिये जिन क्रातिकरियो ने अपने लहुसे इस धरतीको सीचा हैं,क्या हम उनके लहुके एक कतरेका हक अदा कर पाए हैं । 62 साल पहले अंग्रेज इस धरतीपर राज करते थे और आज कुछ राजनेता । क्या आपको लगता हैं दोनोमे कोई अंतर हैं ?

Tuesday, July 27, 2010

साईं के दरबार में पांच लाख भक्त दाखिल


साईं को अपना गुरु मानने वाले दुनिया भर के भक्त गुरुपूर्णिमा के दिन शिरड़ी पहुँच ते हैं इस साल तिन दिन चलनेवाले इस उत्सव में करीब पांच लाख भाविक साईं की नगरी शिरड़ी में दर्शन की लिए आये थे । साईं बाबा का मंदिर फुलोसे सजय गया था । बड़ी धूम धाम से यह उत्सव मनाया गया। तिन दिन चलने वाले इस उत्सव में ३ करोड़ से जादा रकम साईं बाबा के तिजोरिमे भ्क्तोने डाली ।

हिरेकी सुवर्ण घड़ी


मुंबई के एक भक्त गुरुपूर्णिमा के दिन अपने गुरु साईं बाबा को हीरे से बनी साडे ग्यारह लाख रूपये की सुवर्ण घडी अर्पण की हालकी उसने अपना नाम गुप्त रखा हैं

गुरुपूर्णिमा में साईं के दरबार शिरड़ी में भक्तों का ताता


बेंगलोर के एक भक्त ने १३० किलो चांदी से साईं का रथ चांदी का किया उसपर हैदराबाद के एक भक्त ने सोने की परते चढ़ाकर साईं के रथ को सुवर्ण रथ में तब्दील किया गुरुपूर्णिमा के अवसर पर साईं की सवारी इसी सुवर्ण रथ में निकली गई

Saturday, July 17, 2010

अभिनेत्री उदिता गोस्वामी ने लिए साईं दर्शन


फ़िल्ममे बनाने से ज्यादा खर्चा उसे प्रमोट करनेके लिए लगता हैं और इसी लिए अछि से अछि फिल्मभी फ्लॉप हो जाती हैं । यह कहना हैं अक्सर , पाप ,जहर जैसी फिल्ममोसे बॉलीवुड जगत में अपना मुकाम हासिल करनेवाली उदिता गोस्वामी का , उदिता अपने माता पिता के साथ शिरड़ी साईं दर्शन के लिए आई थी। हालहीमे उदिता की चेस , रोक जैसी फिल्मे बॉक्स ऑफिस पर नहीं टिक पाई , उसका कहना है की यह फिल्मे बहोत ही बेहतरीन थी लेकिन वो दर्शको तक नही नही पहुंची इसी लिए वो कामयाबी हासिल नहीं कर पाई, उदिता अब कॉमेडी फिल्म में अपना नसीब अजमाना चाहती हैं इसीलिए वो हमेश मुस्कुराती रहती हैं, शादी के बारेमे पुछ्नेपर साईं से ग्रीन सिग्नल मिलनेके बाद अपने आप सब हो जायेगा ,बाबा से बहोत कुछ माँगा हैं और वो मिलतेही दुबारा आनेका वादा भी उदिताने किया, फिल्मोमे बोल्ड किरदार करनेवाली उदिता साईं के दरबारमे बहोत ही साधे लिबसमे दिखाई दी|

Sunday, July 11, 2010

महंगाई का एक और झटका आम आदमीको

महारास्ट्र के आम आदमियोंकी जीवन यात्रा समझनेवाली एस टी बस के किरायोमे बढ़ोतरी होने के संकेत राज्य के परिवहन मंत्री राधकृष्ण विखे पाटिल ने शिर्डी में दिए, पहले ही महंगाई आम आदमी की कमर तोड़ी हैं ।

Friday, July 9, 2010

एक अभागा 'मोर' जो अपनी जिनेकी जंग हार गया . .


'मोर' यह देश का राष्ट्रिय पक्षी हैं , 'मोर' का नाम सुनते ही हमारी आखों के सामने अपने पंख फैलाकर अपनेही ताल में नाचता हुआ यह पक्षी दिखाई देता हैं , पहले खेत खलिहानों से , रस्तोसे जाते समय मोर आसानीसे दिखाई पड़ते थे । लेकिन अब मोरों की संख्या दिन ब दिन काम होती जा रही हैं । उसे कारण ही वैसे ही हैं एक तो मोर के पंख , मांस की हो रही तस्करी और दूसरा दुसरे वन्य जिवोसे खतरा । एसेही एक मोर के पीछे कुछ कुत्ते पड़े ,मोर अपनी जान बचाने के लिए पंख फडफडा ता हुआ रस्ते के एक पेट्रोल पम्प में घुस गया । वहाँ के कर्मचारियों ने उसे कुत्ते का निवाला होते होते बचा लिया लेकिन उसे भरी मात्र में चोटें आई थी कई जगोहोपर कुत्ते ने उसे जबरन कट लिया था । पम्प पर उसे धान के साथ पानी भी पिलाया लेकिन उसने उल्टियाँ कर दी पम्प मालिक ने तुरंत जाकर डोक्टर को लाया । करीब एक घंटे तक उसके उपर इलाज करवाया गया, लेकिन दो ढाई घन्टे में उसने अपनी गर्दन ढीली कर दी और इस दुनियासे हमेश हमेशा के लिए रुखसत हो गया। इसी दरम्यान पम्प मालिक ने वन विभाग को जख्मी मोर आनेकी सुचना दी और उसकी हालत नाजुक होने से डोक्टर भी साथ लानेको कहा ,लेकिन वन अधिकारी आये पर तब तक देश का राष्टीय पक्षी मोर अपनी जिनेकी जंग हार चूका था । इससे पहले भी इसी इलाके में बारा मोरोंकी जहरीला धान खानेसे मौत हुई थी ,तिन महिनोके बावजूद भी महाराष्ट्र का वन विभाग उनकी जाँच रिपोर्ट हासिल नही कर पाया, इससे वन विभाग का काम किस तरह से चलता होगा इसका अंदाजा आ सकता हैं। अगर इसी तरह मोर मरते रहे तो आने वाली नसलोंको 'मोर' यह राष्ट्रिय पक्षी कागजोपर ही देखना होगा इसमें कोई शक नही । ............... । अपनी राय पोस्ट करे

Sunday, July 4, 2010

'भारत बंद' एक बेहतरीन ड्रामा .....!

हालहीमे पेट्रोल,डीज़ल,गेस के दाम सरकारने बढ़ाये इसलिए कई सलोसे सोई हुई विरोधी पार्टिया जाग उठी और भारत बंद का नारा पुकारा । वैसे तो मंहगाई ने आम आदमीकी कमर कई सलोसे तोड़ दी हैं और आम आदमी के साथ का ढोंग करनेवाली यह सरकार आम आदमी पर ही सितम ढाह रही हैं । सरकारने इंधन के दाम क्या बढाये तो विरोधीयों को मंहगाई बढने का पता चला और अब सब सफेद पोशाकिया विरोधी कलाकार एक साथ हुए और पुकारा 'बंद' । राजनेतायोंका सबसे बेहतरीन शस्र हैं ये ' बंद ' जो चलता कही हैं और परिणाम कही ओर होता हैं । इस बंद से पुरे भारत देश में करोड़ो रुपयों का नुकसान हो जायेगा । एसे कई परिवार हैं जो दिनभर रस्तेपर मेहनत मजदूरी कर दो वक्त की रोटी कमाते हैं पर आज के इस बंद की वजह से उनके घर का चूल्हा नही जलेगा। रास्तोपर आम आदमी के बजा पोलिसियाँ दिखाई देंगे। बाजार में जहा हर दिन चहक महक होती हैं वहा खमोशी छा जाएगी , या तो फिर इन राजकरतायों के कार्यकरता द्वरा एक दो जगहों पर पथराव होगा गाड़ियाँ आग के हवाले की जाएगी इससे जादा कुछ नही होगा । सरकार और विरोधी सब एक ही डाली पर बैठने वाले पंछी हैं । पहलेसे सोची समजी यह बंद की साजिश रचाई जाती हैं और इसमें बेहाल होता हैं हमारे जैसा कॉमन मेन, जनता को किस तरह से बेवकूफ बनाये यह तो हमारे इन राजकरताओं से सीखे। इसका एक ही तरीका हैं की हमारे जैसा कॉमन नौजवान अपने हाथोमे देश की भाग दौड़ संभाले और इन घरानों बाजों को इस खुर्सी से हटाये एक एसी उम्मीद की किरण आणि चाहिए की कभी सोने का धुवा निकलने वाला अपना देश फिर एक बार उसी तरह कामयाबी की बुलंदी पर पहुंचे लेकिन उसके लिए हमे एक साथ आना चहिए और अपनी ताकद इन सभी राजकारता यों को दिखानी चाहियें। मैंने तो अभीके गातविधियों के बारेमे जो मुझे सुझा वही आपके सामने रख दिया हैं, एक भारतीय होनेके नाते आपको कैसा लगा वो पोस्ट जरुर करे ........... ।

दुनिया वरके साईं भक्तों को घर बैठे मिलेगा 'साईंचरित्र'


शिरड़ी वाले साईबाबा की महिमा अपरम्पार हैं इसीलिए भारत से ही नही तो पुरे दुनिया भरके सभी जाती धर्म के लोग शिरड़ी साईं के दरबारमे मथ्था टेकने आ जाते हैं। अपने देश के बराबर ही विदेश में बैठे अपने भाइयों को साईं के लीला के बारेमे जानकारी हो और वो भी अपना दुखड़ा साईंको बता सके इसीलिए अब साईबाबा संस्थान द्वरा विदेशी भक्तों के लिए हेमाडपन्त लिखित साईं चरित्र भेजा जायेगा । दुनिया के किसीभी कोने में बैठा भक्त अब घर बैठे ही साईं चरित्र मंगा सकता हैं । हालहीमे सभी भाषायोंमे बने २००० साईं चरित्र संस्थान द्वरा केनाडा भेजे गये हैं । संस्थान ने इस प्रक्रिया के लिए एक स्वतंत्र यंत्रणा बनाई गयी हैं । साईबाबा संस्थान के इस योजनासे काफी भक्त खुश हैं और साईं चरित्र की मांग कर रहे हैं । आधिक जानकारी के लिए संस्थान की वेब साईट पर देखे । ........................................................... । धन्यवाद ......... ।

Friday, July 2, 2010

बारिश का एक अनोखा नजारा


अहमदनगर जिलके अकोले तहसील में इन बरिशोमे इस तरह की तस्बीर दिखाई पड़ती हैं । प्रकुर्ती के नियम के अनुसार अगर हम चले तो इससे भी बेहतरीन नजारे हमारी आँखे देख सकती हैं ।

Wednesday, June 30, 2010

एक अनोखी ममता सहारा समय न्यूज़

हम मानव आजकी इस भाग दौड़ वाली जिंदगी में भले ही मानवता छोड़ चुके हैं, लेकिन यह बेजुबान जिनका कोई भी नाता नहीं वो मानवता का फुर्ज़ बखूबी निभा रहे हैं । इंसानो को मिल रही हैं जानवरों से मानवता की सिख इसे तो हम यही कहेंगे आप क्या कहेंगे? अपनी राय पोस्ट करे ।

कठा एक आदिवासी परम्परा

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिलेमे कवठेवाडी यह पहाड़ी इलाका हैं । कई सालोसे यहाँ कठा यह आदिवासीयों की अनोखी परम्परा मन्नत के तौर पर निभाई जा आ रही हैं , मई महीने में अक्षय तृतीया की रात को सर पर मटके में सुलगती आग को उठाकर बिरोबा भगवान के मंदिरके फेरे लगाये जाते हैं । देखने वालोंके अंग पर रौगठे खड़े हो जाते हैं । यह विडियो आप को कैसा लगा आपनी राय पोस्ट करे ........................................................

Tuesday, May 4, 2010

श्रद्धा एक दस साल की पाचवी कक्षाकी छात्र जो दोनों हातोसे और एक पैरसे विकलांग हैं । भगवान ने दी हुई कमी पर हामी होकर एक नये उमंग के साथ अपना जीवन जी रही हैं । बचपनसे अंग्रेजी माध्यम मी रूचि रखने वाली यह नन्ही सी जान अब शिरडी साईबाबा इंग्लिश स्कूल में पाचवी से छटवी कक्षामे गयी हैं। बहोत ही गरीब घर में जन्मी इस नन्हीसी जान को कुदरत ने दोनों हतोकी उँगलियाँ और एक पैर न देकर कहर ढहाया हैं । लेकिन कहेते हैं ना जिसने जन्म दिया हैं वो उपरवाला ही जिनकी ताकद भी देता हैं ठीक उसी प्रकार श्रद्धा भी अपनी होशियारी के बलबूते पर कामयाबी हासिल कर जिलेकी भाग दोड संभालना यानि कलेक्टर बनना चाहती हैं ।लेकिन बोहत ही गरीब घर में जन्मी इस नन्ही जान इस स्पर्द्धा वाली दुनियामे बड़ी हिम्मत और आत्मविश्वास के लढ़ रही हैं . गरीबी की वजहसे अंग्रेजी माध्यम की सभी महंगी किताबे न लेकर अपनी सहेलियोंसे कुछ किताबे लेकर इसने पाचवी कक्षा में स्कूल में तीसरा नंबर हासिल कर ड्रोविंग में भी काफी नंबर हासिल कर चुकी हैं । विकलांग होने के बावजूद घर के सभी काम वो बड़ी चतुराई से करती हुई दिखाई देती हैं । सरकारने तो विकलांगो के लिए कई सारी योजनाये शुरू की हैं । लेकिन वो सब कितने ठीक तरीकेसे उनके पास पहुचती हैं इसका आभास श्रद्धा को देखकर होता हैं । हाल ही में श्रद्धा को महाराष्ट्र के विदधी और न्याय मंत्री ने शिरडी के साईं बाबा संस्थान द्वारा पढाई के लिए गोद लिया हैं एसी बात सामने आ रही है । लेकिन वाकई संस्थान कितने जल्द कागजाती कारवाही पूरी करेगा यह तो आने वाला समय ही दिखा देगा। लेकिन मंत्री साहब की घोषणा से श्रद्धा को एक नई आशा मिली हैं यह उसके मासूम चेहरे से साफ दिखाई दे रहा हैं । पुरे देश में आज भी एसी कई श्रद्धा हैं जिन्हें किसी ना किसी के मदत की जरूरत हैं ........ क्या शायद वो आप हो ? ................................................. सुनील दवंगे सहारा समय शिरडी ............................

Thursday, April 15, 2010

महाराष्ट्र में बे वक्त होने वाली बरसात ने परेशान किया हैं कभी पूरा राज्य सुखा पड़ा होता हैं तो कभी कभार बे वक्त सब जगहों पर पानी ही पानी । इस बे वक्त आनेवाले बरसात ने जन जीवन तहस नहस कर दिया हैं । भारत एक कृषि प्रधान देश हैं लेकिन इस सूखे और बेवक्त बरसात उपरसे महगाई ने मानो आम जनता के साथ साथ किसनोकी वही कमर तोड़ दी कही पर तो इस बरसात का फायदा होता हैं तो कही पर भारी मात्र में नुकसान , कुदरत के इस कहर के लिए किसी न किसी हद तक हम भी जिमेदार हैं । यह जानते हुए भी दुनिया का सबसे स्वार्थी जिव इन्सान पीछे नहीं हटता। और फिर कुदरत को ही दोष देता हैं
शिर्डी से सुनील दवंगे समय मुंबई

Wednesday, April 14, 2010

सहारा समय न्यूज़ ९ करोड़ ९ लाख ९ दिनों में साईं बाबा के तिजोरी में

शिरड़ी के साईं बाबाकी हुंडी में नये सालकी छुटीयोमे ९ दिनोमे ९ करोड़ ९ लाख रुपया निकला यह एक जादुई आकड़ा बताया जा रहा हैं । साईं बाबाने अपने महा निर्वाण के समय लक्ष्मी बाई शिंदे को भी ९ चदिके सिक्के दिए थे इस लिए यह आकड़ा बोह्थी शुभ मन जाता हैं ।
जानवर हो या इन्सान हर किसीको जन्म के बाद जिनके लिए प्रकुर्तिसे लढनेकी शक्ति माँ की कोक से मिलती है . इसी प्रकार अहमदनगर जिलेके संगमनेर में खांडवा गाव में तिन तेंदुवेके नवजात शिशु कई दिनोसे कड़ी धुपमें प्रकृति से माँ के बिना जीवन जीने के लड़ रहे हैं । एक किसान की खेतिमे गंनेकी फसल कटते हुए ये तिन प्यारे शावक मिले । अपनी माँ के बिछड़ने के बाद तीनो शावक मायूस दिखाई दे रहे हैं । तो दूसरी तरफ इनको अपनी माँ से मिलाने के लिए किसान जी तोड़ मशागत कर रहे हैं । लेकिन शावको की माँ डर के मारे इनसे मिलने नहीं आ रही हैं । यह किसान इन शावको को अपने बच्चे जैसा प्यार कर हैं । लेकिन कोई कितना भी प्यार करे माँ की ममता नहीं दे सकता क्यों की दुनिया ने सबसे गहरा रिश्ता होता हैं माँ और बेटे का इसकी का अनुभूति यह दिखाई पड़ती हैं । जंगल में पीनेका पानीकी किल्लत की वजहसे अब वन्य जिव लोक बस्ती की और चल पड़े हैं । इसीलिए अब एन वन्य जिवोका जन्म लोक बस्ती में हो रहा हैं । एनी इस हालत के लिए कही न कही हम इन्सान जिमेदार हैं यह सीधी बात हम भूल जाते हैं । इन नन्हे शावक इन्सान की तरफ देख ते रहते हैं और यह बेजुबान शायद कह रहे हो की हम भी इस प्रकृति के अंश हैं ,हमे भी जिनका आधिकार हैं,हमे भी माँ की ममता की जरूरत हैं लिकिन हो सकता हैं हम ही नही सुन प् रहे हो । महाराष्ट्र में वनमंत्रलय स्वतंत्र होते हुए भी वन्य जियोकी यह दशा हो यह एक शोकांतिका हैं दूसरा क्या ?

Sunday, March 28, 2010

SAIBABA

SHIRDI WALE SAIBABA

SUNIL

Sunil dawange blog creat 28 march 2010 ,at 6:08 pm